भारतीय स्टेट बैंक की समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने
एसबीआई की इकोफ्लैश रिपोर्ट में कहा, ‘‘इस साल सितंबर के खाद्य पदार्थ, ईधन
और आवास की कीमतों से तुलना करने पर कुल मुद्रास्फीति में वृद्धि दर्ज की
गई है। जबकि खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान
सब्जियों, दूध और दुग्ध उत्पादों का है।’’उन्होंने कहा, ‘‘कच्चे तेल की
कीमतों से बढ़ोतरी से ईंधन की महंगाई दर बढक़र 6.36 फीसदी हो गई, जोकि पिछले
महीने 5.56 फीसदी थी। हालांकि सरकार द्वारा उत्पाद कर में कटौती की घोषणा
के बाद ईधन की कीमतों में कमी आई है।’’ यह भी पढ़े : ये हैं लोगों से 20 करोड़ से ज्यादा ठगने वाले बाप-बेटे
एंजल ब्रोकिंग के शोध
विश्लेषक जयकिशन जे. परमार ने कहा, ‘‘पहला, सीपीआई मुद्रास्फीति आरबीआई के
सुविधा क्षेत्र चार फीसदी के भीतर ही है। दूसरा जीएसटी परिषद ने नाटकीय ढंग
से जीएसटी दरों में कटौती की है.. इससे आनेवाले महीनों में मुद्रास्फीति
पर प्रभावशाली असर होगा। हालांकि आरबीआई प्रमुख ब्याज दरों के बारे में
फैसला फेड रिजर्व के कदमों के हिसाब से ही करेगी।’’रेटिंग एजेंसी क्रिसिल
ने कहा, ‘‘आनेवाले महीनों में महंगाई और बढ़ेगी, जिसके पीछे तेल की बढ़ती
कीमतें और घरेलू खर्च में की जानेवाली वृद्धि कारण होगा। किसानों को ऋण छूट
और राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन भत्ता बढऩे से घरेलू खर्च में
वृद्धि होगी।’’
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