अटल सरकार के समय शुरू हुई थी नैशनल मेमोरियल की बात यह भी पढ़े : गजब का टैलेंट, पैरों से पत्थर तराश बना देते हैं मूर्तियां
डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, मैं सभी किसानों को बैसाखी की शुभकामनाएं देता हूं। आज हम जलियांवाला बाग हत्याकांड को याद करते हैं। जो काम पहले हो जाना था, वह आज हो रहा है। जहां बाबासाहेब ने आखिरी पल गुजारा था, वहां आना एक भावुक पल है। आज से 26 अलीपुर रोड पर बना यह स्मारक देश के मानचित्र पर हमेशा के लिए अंकित हो गई है। उन्होंने कहा, यह इमारत दिव्य भी है और भव्य भी है। जब अटल जी की सरकार थी तब यहां नैशनल मेमोरियल की बात शुरू हुई। लेकिन कांग्रेस सरकार के समय इस पर फाइलें बंद हो गईं।
पीएम मोदी ने कहा, साल 2014 में इन फाइलों को खोजना पड़ा। इसके बाद हमने फिर तेजी से काम शुरू किया। 26 मार्च 2016 में शिलान्यास करते हुए कह दिया था कि 2018 में बाबासाहेब की जन्म जयंती से पहले ही मैं इसका लोकार्पण करना चाहूंगा। लोकतंत्र में जनता के जवाब देने से पहले खुद की जवाबदेही तय करनी होती है। इस व्यवस्था को इस सरकार में पूरी तरह बदल दिया गया है। व्यवस्था का ऐसा कायाकल्प तब होता है जब जमीनी स्तर पर कमियों को समझा जाए और उन्हें दूर किया जाए।
सरकार की उलब्धियों का बखान करते हुए पीएम मोदी ने कहा 9.5 लाख करोड़ रुपये की अधूरी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है। अभाव का रोना नहीं और प्रभाव से विचलित होना नहीं। यह हर किसी के लिए ताकत बन जाता है। यह सरकार काम पूरा करने की तारीख को कम करने में विश्वास रखती है। सम्मान की समानता, कानून की समानता, मानवीय गरिमा की समानता ऐसे कितने ही विषयों की बाबासाहेब ने व्याख्या की। पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए पीएम मोदी ने कहा, दशकों से हमारे देश में जो असंतुलन बना था उसे इस सरकार की योजनाएं समाप्त कर रही हैं।
करोड़ों लोगों के पास बैंक अकाउंट न होना बहुत बड़ा अन्याय था। इसे खत्म करने का काम हमने किया है। पिछले 4 वर्षों में देश ने देखा है कि शौचालय से इज्जत भी आती है, समानता भी आती है। हमारे यहां 2014 में 18000 ऐसे गांव थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। डंके की चोट पर लालकिले से ऐलान करके हमारी सरकार ने इन गांवों तक बिजली पहुंचाने का संकल्प किया। पीएम मोदी ने कहा, उज्ज्वला योजना की ग्रामीण महिलाओं में सबसे ज्यादा चर्चा है। जिन घरों में गैस नहीं थी, सामाजिक अन्याय के उदाहरण थे। यह समाजिक न्याय स्थापित करने वाली सबसे लोकप्रिय योजना है।
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