हालांकि, किसी अनचाही स्थिति को रोकने के लिए सोनिया ने दोनों नेताओं को
अलग-अलग बुलाया है। जहां सिंधिया को मंगलवार को बुलाया गया है, वहीं कमलनाथ
सोनिया से इसके अगले दिन मिलेंगे। सोनिया गांधी मध्य प्रदेश में पार्टी का
ऐसा प्रदेश अध्यक्ष चाहती हैं जिसे कमलनाथ और सिंधिया, दोनों का समर्थन
प्राप्त हो, जो फिलहाल असंभव दिख रहा है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में
गुटबाजी कुछ समय पहले शुरू हुई। सिंधिया के समर्थक खुल कर सामने आ रहे हैं।
सबसे पहले दतिया जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशोक दांगी ने चेतावनी दी कि अगर
सिंधिया को कांग्रेस प्रदेश कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वे इस्तीफा
दे देंगे, उनके बाद मुरेना जिला के कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मवाई भी उनके
समर्थन में आ गए। हालांकि,
प्रदेश की राजनीति में एक अन्य केंद्र दिग्विजय सिंह सिंधिया को कांग्रेस
प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में हैं, जिससे कमलनाथ का काम आसान हो
रहा है।
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