सीएमडी ने ग्रुप की सभी 46 कंपनियों के मॉनेटरी ट्रांजेक्शन कोर्ट के सामने
रखे। उन्होंने कहा कि 5980 करोड़ रुपए मॉल, रिसोर्ट, जमीन के लिए पैसे
देने, ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन, बैंक और घर खरीदारों को रिफंड में खर्च हुए
हैं। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि ग्रुप के बाहर की कंपनियों में
पैसा घुमाया गया। कोर्ट ने फंड के डाइवर्जन के लिए फोरेंसिक ऑडिट के आदेश
दिए हैं। घर खरीदारों के पैसे को दूसरे काम में लेना आपराधिक दुरूपयोग है
और इसके चलते कंपनी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह भी पढ़े : अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
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