उधर केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने देर शाम बताया, "उत्तर पूर्वी दिल्ली के हालातों पर पैनी नजर रखी जा रही है। काफी हद तक स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही अगर जरूरत महसूस हुई तो केंद्र सरकार अन्य कड़े कदम उठाने से भी नहीं चूकेगी। हमारा मकसद हर हाल में शांति कायम करना है।"
सूत्रों के मुताबिक, "केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, करावल नगर और भजनपुरा-गोकुलपुरी में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की भी अब नींद टूटी है। यह अलग बात है कि जब तक दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड़ में आई, तब तक उसका एक बेकसूर हवलदार रतन लाल भीड़ की भेंट चढ़ चुका था।"
उल्लेखनीय है कि शनिवार-रविवार से धीरे-धीरे फैली दंगों की आग ने सोमवार को विकराल रूप धारण कर लिया। सीएए के विरोध और पक्ष में जुटी भीड़ आमने-सामने आ गई। दोनों तरफ से जमकर पथराव और फायरिंग हुई। सोमवार को दोपहर बाद सीएए विरोधी भीड़ में से निकले एक युवक सीएए समर्थकों की भीड़ पर तमंचे से गोली चला दी, जिससे हड़कंप मच गया। गोली चलाने वाला युवक भीड़ का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गोली एक युवक के पांव में लगी है। उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
--आईएएनएस
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