नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी की दोहरी मार झेलने के
बाद देश के रियल स्टेट क्षेत्र में इस साल ब्रिकी बढऩे से सुधार देखा गया।
रियल स्टेट क्षेत्र में इस साल मुख्य रूप से तरलता का संकट, डॉलर के
मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड गिरावट, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम में बदलाव
और ऋणशोधन अक्षमता व दिवाला कोड (आईबीसी) के तहत किए गए सुधार के
कार्यक्रमों का असर देखा गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डेवलपर हालांकि बताते हैं कि रियल
स्टेट क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट में कोई वृद्धि नहीं हुई, बल्कि 2018 में
पिछले साल के मुकाबले बिक्री में इजाफा जरूर हुआ।
प्रॉपटाइगर डॉट
कॉम के आंकड़े बताते हैं कि देश के नौ प्रमुख शहरों में 2018 के दौरान
तकरीबन 3.1 लाख युनिट की ब्रिकी हुई, जोकि पिछले साल के 2.5 लाख से 25
फीसदी ज्यादा है।
प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के मुख्य निवेश अधिकारी अंकुर
धवन ने कहा, ‘‘यह 2016-17 से आवासीय रियल स्टेट के क्षेत्र में अपनाए गए
सुधार कार्यक्रमों से आई स्थिरता का साल रहा।’’
हालांकि नए
प्रोजेक्ट की तादाद में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 22 फीसदी की कमी आई।
आंकड़ों के अनुसार, इस साल करीब 1.9 लाख नए प्रोजेक्ट लांच हुए।
लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में 11 बजे तक 22.51% मतदान दर्ज,यहां देखे 12 सीटों में कितना मतदान हुआ
यूपी में चंद्रशेखर ने ईवीएम खराब होने की शिकायत की, सपा ने भी लगाए कई आरोप
बंगाल के कूचबिहार में तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के बाद भड़की हिंसा
Daily Horoscope