कोसे ने भारत के जनसांख्यिकी प्रोफाइल की भी तारीफ की और कहा कि दूसरी
अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा कम ही देखने को मिलता है। हालांकि कोसे ने दूसरी
उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में महिला श्रम की हिस्सेदारी कम
होने की बात कही है। कोसे ने कहा कि महिला श्रम की हिस्सेदारी बढ़ाकर काफी
बड़ा फर्क पैदा किया जा सकता है। कोसे ने कहा कि भारत के सामने बेरोजगारी
घटाने जैसी चुनौतियां हैं। भारत अगर इन चुनौतियों से निपटने में सफल रहा तो
वह अपनी क्षमता का इस्तेमाल कर पाएगा। कोसे ने अगले दशक में भारतीय विकास
दर के 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। ये भी पढ़ें - इस पेड से निकल रहा है खून, जानिए पूरी कहानी
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