नई दिल्ली । देश में जिन स्थानों पर जनता को पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं था, वहां देश के कुछ आईआईटी ने तकनीक की मदद से साफ पानी उपलब्ध कराने की पहल की है। यह कोशिश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की प्रेरणा से हुई है। दरअसल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आआईटी) खड़गपुर स्थित तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र इन दिनों जल शुद्धिकरण पर फोकस कर रहा है। केंद्र ने देश के कई राज्यों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की दिशा में कार्य किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईआईटी खड़गपुर स्थित जल शुद्धिकरण तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र ने एक कम लागत वाली नैनो फिल्टरेशन आधारित तकनीक विकसित की है, जिसने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में तीन अलग-अलग स्थानों पर 25 हजार लोगों की स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित की है। यह पानी भारी धातुओं से मुक्त है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक माने जाते हैं।
असम में गुवाहाटी आईआईटी ने भी इस तरह की पहल की है। दरअसल असम के उत्तर गुवाहाटी के एक प्राथमिक स्कूल में बच्चे ऐसा पानी पीते थे। जिसमें अत्यधिक आयरन और सीओडी पाया गया था। पानी में बदबू भी आती थी मगर अब आईआईटी गुवाहाटी ने स्कूल में जलशोधन संयंत्र स्थापित किया है। इससे लठियाबागीछा प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पानी की समस्या से छुटकारा मिल गया है।
इस संयंत्र को डीएसटी के सहयोग से रसायन मुक्त इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है और यह पानी में मौजूद आयरन और ऑर्सेनिक की मात्रा कम करने, उसमें कुल घुलित सॉल्वेंट, रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी), जैविक ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) को बीआईएस की निर्धारित सीमा से नीचे लाने में सक्षम है।
--आईएएनएस
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