नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब सभी की निगाहें पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में फेरबदल पर टिकी हैं, जो लंबे समय से लंबित है। इस साल फरवरी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित पार्टी के तीन दिवसीय पूर्ण सत्र में, संचालन समिति ने सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) के सभी सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत करने का निर्णय लिया था।
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पूर्ण अधिवेशन के दौरान पार्टी ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और 50 वर्ष से कम आयु के युवाओं को सीडब्ल्यूसी में 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का भी निर्णय लिया था और उच्चतम निर्णय लेने वाली संस्था के सदस्यों को भी बढ़ाकर 35 कर दिया था।
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव अब समाप्त हो गए हैं, पार्टी के कई नेताओं को सीडब्ल्यूसी में जगह मिलने की उम्मीद है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्रियों- राजस्थान के अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीडब्ल्यूसी में जगह मिलने की संभावना है।
यहां तक कि पार्टी के कुछ पुराने नेताओं को भी सीडब्ल्यूसी में बनाए रखा जा सकता है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी, कुमारी शैलजा और तारिक अनवर शामिल हैं।
दलित नेता मुकुल वासनिक को भी सीडब्ल्यूसी में शामिल किया जा सकता है। वासनिक जी23 के सदस्य थे, जिसने 2020 में सीडब्ल्यूसी के चुनाव की मांग की थी।
सोनी, वासनिक, अनवर और शैलजा के अलावा, दिग्विजय सिंह, भक्त चरण दास, पी. चिदंबरम, जे.पी. अग्रवाल, जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, शक्तिसिंह गोहिल, एच.के. पाटिल सीडब्ल्यूसी बर्थ के प्रबल दावेदार हैं और उनके दोबारा चुने जाने की भी संभावना है।
इस बीच, पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी के करीबी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल, चेल्ला कुमार, मणिकम टैगोर और जितेंद्र सिंह की सीडब्ल्यूसी में वापसी की उम्मीद है।
पार्टी सूत्र ने यह भी संकेत दिया कि कई राज्य प्रभारियों को पदोन्नति मिल सकती है और उन्हें सीडब्ल्यूसी में शामिल किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अजय कुमार लल्लू जैसे कुछ नेताओं को भी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ निकटता के कारण सीडब्ल्यूसीए में जगह मिल सकती है।
पार्टी के भीतर पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी और शशि थरूर को सीडब्ल्यूसी में शामिल करने की मांग की जा रही है।
थरूर ने पिछले साल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
सीडब्ल्यूसी में इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के अलावा पार्टी के दिग्गज नेता आनंद शर्मा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर भी चर्चा हो रही है।
इस बीच, कांग्रेस के दो शीर्ष कानूनी विशेषज्ञ अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद को भी सीडब्ल्यूसी में पद मिल सकता है।
राज्यसभा में कांग्रेस के व्हिप सैयद नसीर हुसैन और पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे पार्टी नेता गुरदीप सिंह सप्पल को भी सीडब्ल्यूसी की जगह दी जा सकती है।
--आईएएनएस
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