नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरु होकर पांच जनवरी तक चलेगा। इससे पहले सत्र शुरु करने में देर करने को लेकर विपक्षी दल सरकार पर लगातार आरोप लगा रहे थे। इस सत्र में सरकार के सामने कई बिल को पारित कराने की चुनौती होगी। साथ ही कई बिल पेश किए जा सकते हैं। राज्यसभा में बिल पास करवाने में सरकार को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इस सत्र में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाले विधेयक को लोकसभा में फिर से पेश किया जाएगा। सूत्रों ने इस बात की जानकारी गुरुवार को दी थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान विधेयक को पारित कर दिया गया था लेकिन राज्यसभा ने इसमें कुछ संशोधन किए। दोनों सदनों में इस विधेयक के अलग प्रारूपों को पारित किए जाने के कारण इसे वापस लोकसभा में भेजा जाएगा।
संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने में हो रही देरी को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शीतकालीन सत्र को बुलाए जाने में हो रही देरी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गुजरात विधानसभा से पहले सवाल-जवाब से बचना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार लोकतंत्र के मंदिर को बंद कर संवैधानिक जवाबदेही से नहीं भाग सकती।
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