ये भी पढ़ें - क्या आपकी लव लाइफ से खुशी काफूर हो चुकी है...!
वे पहली बार 1957 में संसद सदस्य बने थे। सन1950 के प्रारंभ में
आरएसएस की पत्रिका को चलाने के लिए वाजपेयी ने कानून की पढ़ाई बीच में ही
छोड़ दी। बाद में उन्होंने आरएसएस में अपनी राजनीतिक जड़ें जमाईं और भाजपा
की उदारवादी आवाज बनकर उभरे। उल्लेख है कि अजातशत्रु उसे कहा जाता है कि
जिसका कोई शत्रु नहीं हो। ऐसी शख्सियत रखते थे अटलबिहारी वाजपेयी।
शराब घोटाला मामला: केजरीवाल की ED हिरासत पर फैसला अदालत ने सुरक्षित रखा
हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
पंजाब सीएम भगवंत मान के घर आई लक्ष्मी, पत्नी गुरप्रीत ने बेटी को दिया जन्म
Daily Horoscope