नई दिल्ली । खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से जून में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर लगातार चौथे महीने बढ़कर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह 16 महीने का उच्चतम स्तर है। फरवरी 2023 में थोक महंगाई 3.85 प्रतिशत रही थी।
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कृषि से प्राप्त खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर अगस्त 2023 के बाद पहली बार 10 प्रतिशत से ऊपर चली गई। लगातार तीसरे महीने बढ़ते हुए जून में यह 10.87 फीसदी रही।
इस श्रेणी में प्याज के दाम में जून 2023 के मुकाबले 93.35 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई। आलू के दाम 66.37 फीसदी और सब्जियों के 38.76 फीसदी बढ़े। फलों के दाम भी 10.14 प्रतिशत बढ़े। दालों की कीमतों में 21.64 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
धान की थोक महंगाई दर 12 प्रतिशत से ज्यादा रही जबकि मोटे अनाज नौ प्रतिशत और गेहूं छह प्रतिशत से अधिक महंगा हुआ।
आंकड़ों के अनुसार, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के दाम में एक साल पहले के मुकाबले 12.55 फीसदी की वृद्धि हुई। इसमें कच्चे तेल की कीमत 14 फीसदी से अधिक बढ़ी। खनिजों के दाम करीब 10 प्रतिशत बढ़े।
रसोई गैस जहां 1.49 प्रतिशत महंगी हुई है, वहीं पेट्रोल की कीमत में 1.35 प्रतिशत और डीजल में 1.78 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों में सबसे ज्यादा 64.23 फीसदी का भारांश विनिर्मित उत्पादों का है। इनकी महंगाई दर जून में 1.43 प्रतिशत रही।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में औसत थोक महंगाई दर 2.38 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह शून्य से 2.87 प्रतिशत नीचे थी।
--आईएएनएस
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