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जब जलजले से तुर्की बन गया था खंडहर तब भारत ने बढ़ाया था मदद का हाथ, अब एहसान नहीं मानने वाले को ऐसे जनता देगी आर्थिक चोट

When Turkey was reduced to ruins due to the earthquake, India had extended a helping hand, now the public will give economic blow to those who do not accept the favor - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली । 'ऑपरेशन सिंदूर 'के समय तुर्की ने भारत के सारे एहसानों को भुलाकर खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया और भारतीय सेना और आम लोगों को निशाना बनाने के लिए पड़ोसी देश को ड्रोन एवं हथियारों की आपूर्ति की। फरवरी 2023 में तुर्की में आए बेहद भयंकर और महाविनाशकारी भूकंप में भारत मदद करने वाले पहले देशों में से एक था। इस दौरान भारत की ओर से 'ऑपरेशन दोस्त' चलाकर तुर्की के लोगों की मदद की थी।
'ऑपरेशन दोस्त' के तहत भारत ने तुर्की में जाकर न केवल लोगों को बचाया था, बल्कि बड़ी तादाद में राहत सामग्री भी भेजी थी। इसके लिए भारतीय वायुसेना के सी -17 ग्लोबमास्टर विमान का भी उपयोग किया गया था।
वहीं, अब तुर्की की एहसान फरामोशी का जवाब देने भारत की जनता स्वयं सामने आ गई है और खुलकर तुर्की के उत्पादों का बायकॉट कर रही है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए गाजियाबाद के साहिबाबाद के फल विक्रेताओं ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान का सपोर्ट करने के लिए हमने तुर्की के सेबों का बायकॉट करने का फैसला लिया है।
फल विक्रेताओं ने आगे कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों से हम व्यापार नहीं करेंगे। वहां से अब सेब के साथ किसी अन्य फल का भी आयात नहीं किया जाएगा। अब हमने हिमाचल या फिर किसी अन्य भारतीय राज्य से सेब खरीदने का फैसला किया है।
आमतौर पर भारत में तुर्की से हर साल 1,000 से 1,200 करोड़ रुपए के सेब आयात किए जाते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के कारण मार्बल उद्योग ने भी आयात को बायकॉट करने का फैसला किया है। इससे तुर्की को काफी आर्थिक चोट पहुंच सकती है।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी तुर्की बायकॉट ट्रेंड कर रहा है और लोग तुर्की घूमने की अपनी योजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने का मन बना चुके हैं। इस कारण से बड़ी संख्या में भारत से तुर्की जाने की बुकिंग रद्द हो रही हैं।
भारत के शीर्ष उद्योग निकाय कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सभी व्यापारियों और नागरिकों से तुर्की और अजरबैजान का बायकॉट करने की अपील की।
2024 में तुर्की में करीब 62.2 मिलियन विदेशी यात्री आए थे। इसमें से 3,00,000 के आसपास भारतीय थे। 2023 की तुलना में पिछले साल तुर्की में 20 प्रतिशत अधिक भारतीय यात्री आए थे।
कैट द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष तुर्की की कुल पर्यटन आय 61.1 बिलियन डॉलर थी, जिसमें प्रत्येक भारतीय पर्यटक ने औसतन 972 डॉलर खर्च किए थे। पिछले वर्ष संयुक्त रूप से भारतीयों द्वारा तुर्की में 291.6 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे।
ट्रेडर्स बॉडी ने कहा कि इससे पहले उसने चीनी उत्पादों के बायकॉट के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था, जिसका काफी असर हुआ है। अब वह तुर्की और अजरबैजान की यात्रा के बायकॉट के लिए अभियान चला रहा है।
--आईएएनएस

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