नई दिल्ली। कोरोना वायरस से दुनिया भर में हो रहे संक्रमण पर पर प्रधानमंत्री का शुरू से ही नजर रहा है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का ही यह असर है कि आज भारत में कोविड-19 का असर अन्य देशों के मुकाबले कम दिख रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर के साइंटिफिक डेवलपमेंट पर पीएम की लगातार नजर रही। यही वजह है कि जब डब्लूएचओ मास्क के लिए मना कर रहा था..देश में मॉस्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया। दरअसल पीएम को कुछ रिपोर्ट में पता चला कि मास्क जरूरी है और पीएम ने इसका फैसला ले लिया। उसी दिन अमेरिका ने भी इस फैसले को लागू किया। उस समय अमेरिका में ढाई लाख मामले थे और भारत में महज तीन हजार मामले थे।
अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन के बारे में साइंटिफिक रिपोर्ट से प्रधानमंत्री को पता चला कि यह दवा कारगर सिद्ध हो सकती है। पीएम सक्रिय हो उठे, इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सबंधित मंत्रालय को आदेश दे दिया। इसके साथ ही पीएम ने दवा कंपनियों और वैज्ञानिकों से कहा है कि कैसे जल्द से जल्द इसका वैक्सीन डेवलप किया जा सकता है।
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