नई दिल्ली। स्वदेशी जागरण मंच ने अमेरिकी रिटेल कंपनी वालमार्ट और ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के सौदे का विरोध किया है। मंच के पदाधिकारियों ने रविवार को कहा कि वालमार्ट के रिटेल ई-कॉमर्स के क्षेत्र मे उतरने से देसी कारोबारियों व उद्योगों को भारी नुकसान होगा। स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने आईएएनएस से कहा कि इस सौदे से छोटे कारोबारियों का कारोबार चौपट हो जाएगा और इससे देशभर में 20-22 करोड़ परिवार प्रभावित होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ओझा ने कहा, ‘‘हमारा विरोध देश में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में विदेशी निवेश को लेकर है। वालमार्ट और फ्लिपकार्ट के सौदे से वालमार्ट ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों के जरिए देश के बाजार पर इस विदेशी कंपनी का प्रभुत्व कायम हो जाएगा और छोटे-छोटे कारोबारियों का कारोबार चौपट हो जाएगा।
मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, ‘‘ई-कॉमर्स के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति नहीं है। फ्लिपकार्ट और वालमार्ट का सौदा कानूनी रूप से अवैध होगा।’’ उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश इक्विटी के जरिए होना चाहिए। रिटेल कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं है। लिहाजा, सरकार को इस पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए।
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