नई दिल्ली। हमारा देश हाल ही मामूली अंतर से एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल करने से चूक गया था। इसके बावजूद पूरी दुनिया में हिंदुस्तान के प्रयासों की सराहना हो रही है। जी हां, यहां हम चंद्रयान-2 की बात कर रहे हैं। 22 जुलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान- 2, 47 दिनों तक हर तरह की बाधा को पार करते हुए चांद के नजदीक पहुंच गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
6 और 7 सितंबर की दरम्यानी रात इसके लैंडर विक्रम को अपने अंदर रखे रोवर प्रज्ञान के साथ चंद्रमा की सतह पर उतरना था, लेकिन सिर्फ 2.1 किलोमीटर की दूरी पर ही वह रास्ता भटक गया और उसका भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से संपर्क टूट गया। एक बार तो इस अभियान से जुड़े वैज्ञानिक निराश हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हौसला बढ़ा उनकी हताशा दूर करने के साथ आगे के लिए प्रयास करने को प्रेरित किया।
वैसे इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान- 2 ने अपना 95 फीसदी तक लक्ष्य हासिल कर लिया है। ऑर्बिटर अगले 7 वर्ष तक चांद का चक्कर लगाता रहेगा और महत्वपूर्ण जानकारियां देता रहेगा।
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