नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने के बावजूद भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 102वें पायदान पर है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होने से खाद्यान्न के मामले में देश आज आत्मनिर्भर हो गया है, लेकिन वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वें स्थान पर होना चिंतनीय है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नायडू ने कहा कि हम सभी राजनेताओं, नीति निर्माताओं, सांसदों और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों, विश्वविद्यालयों के अनुसंधान केंद्रों को गंभीरता से इस पर विचार करना चाहिए कि हम अभी भी वैश्विक भूख सूचकांक में क्यों 102वें स्थान पर हैं। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू शुक्रवार को यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान यानी आईएआरआई के 58वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा कि आईएआरआई ने गेहूं की उन्नत किस्म तैयार करके देश में हरित क्रांति का सूत्रपात किया। हरित क्रांति के बाद भी कृषि के क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धि उल्लेखनीय है, जिसकी बदौलत देश में गेहूं का उत्पादन 10.1 करोड़ टन और धान का उत्पादन 11.5 करोड़ टन तक चला गया है।
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