पुडुचेरी। भारत के उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों से छतों पर सौर पैनल स्थापित करने और सतत विकास के लिए बड़ी इमारतों में वर्षाजल संचयन अनिवार्य करने का आह्वान किया है। वह जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) में 1.5 मेगावाट का सोलर रूफटॉप प्लांट राष्ट्र को समर्पित करने के बाद बोल रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उपराष्ट्रपति ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और बड़े संस्थानों का आह्वान किया कि वे अपनी स्थिरता के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग करें और कहा कि उद्योगों और विश्वविद्यालयों में रूफटॉप सौर संयंत्रों का अधिक से अधिक अनुकूलन आज की आवश्यकता है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह की पहल से संगठनों के लिए सूक्ष्म स्तर पर लागत बचत होगी और साथ ही साथ पूरे देश को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि देश सतत विकास की दिशा में प्रयासरत है और इस संदर्भ में रूफटॉप सोलर पैनल और रेन हार्वेस्टिंग का उपयोग महत्वपूर्ण है।
उन्होंने राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और भारत सरकार से सौर ऊर्जा के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 'टीम इंडिया' के रूप में काम करने का भी आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सोलर रूफटॉप सिस्टम के लिए दी जा रही सब्सिडी के साथ-साथ बिजली की बचत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, लोगों को यह समझना चाहिए कि सब्सिडी के बाद सोलर प्लांट लगाने की शुरुआती लागत लंबी अवधि में मिलने वाले फायदों से पूरी हो जाती है।
पुडुचेरी के उपराज्यपाल, डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन, मुख्यमंत्री, एन. रंगासामी, पुडुचेरी विधानसभा के अध्यक्ष, एम्बलम आर सेल्वम, लोकसभा सांसद, आर वैथालिंगम, पुडुचेरी के विधायक, वी. अरौमुगामे और जिपमर के निदेशक डॉ. राकेश अग्रवाल इस अवसर पर उपस्थित थे।
--आईएएनएस
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