नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को शोधार्थियों से दिव्यांगों, किसानों और जरूरतमंदों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के दौरान कहा, इन दिनों मशीनें सेल्फ लर्निग के द्वारा और ज्यादा स्मार्ट होती जा रही हैं। उन्होंने साथ ही कहा, किसानों, गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन में सुधार करने के लिए एआई की इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मोदी ने कहा कि उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में एआई पर एक कार्यक्रम में शिरकत की थी जहां उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधार्थियों से एआई के जरिए दिव्यांगों के जीवन को और अधिक आसान बनाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, एआई के माध्यम से हमें प्राकृतिक आपदाओं के बारे में सतर्क किया जा सकता है। क्या हम किसानों को उनकी फसलों की उपज के बारे में जानने में मदद कर सकते हैं? क्या इसका उपयोग चिकित्सा सेवाओं की पहुंच में सुधार और बीमारियों के अधिक उन्नत इलाज में मदद के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के पास अपनी बुद्धि नहीं है, बल्कि यह हम पर निर्भर करता है कि हम उस मशीन से क्या काम लेना चाहते हैं। प्रौद्योगिकी और मशीनों का उपयोग मानव जाति की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। मोदी ने पिछले महीने अपने इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अपनी अहमदाबाद यात्रा का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, अहमदाबाद के देओ ढोलेरा गांव में आईक्रिएट सेंटर की यात्रा के दौरान मैंने देखा कि एक युवक ने उन लोगों के लिए किस प्रकार प्रौद्योगिकी का विकास किया जो बोल नहीं सकते। उन्होंने कहा, उसने एक उपकरण विकसित किया जिसके जरिए एक गूंगा व्यक्ति जो भी बोलना चाहता है उसे बस लिख होता है जो आवाज में बदल जाता है।
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