नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर
राज्य की राजनीतिक स्थिति और कोविड प्रबंधन पर चर्चा की। पूर्व केंद्रीय
मंत्री और अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल भी विचार-विमर्श में शामिल हुईं।
आदित्यनाथ की शाह से मुलाकात करीब 90 मिनट तक चली। सूत्रों ने कहा कि उनकी
चर्चा अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों और राज्य में
संभावित कैबिनेट विस्तार या फेरबदल के इर्द-गिर्द रही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्रों ने
कहा कि हाल के पंचायत चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन पर भी चर्चा की गई और
चुनाव से पहले अपने सदस्यों को जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में चुनने पर
ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया गया।
एक सूत्र ने कहा, बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के ज्यादा से ज्यादा पदों पर जीत की रणनीति पर भी चर्चा की गई है।
पटेल
पहली नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री थीं, लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल
में पद पाने में विफल रहीं। वह मोदी कैबिनेट में अपने लिए मंत्री पद और
राज्य में अपने पति आशीष पटेल के लिए एक मंत्री पद की मांग कर रही हैं।
सूत्रों
ने कहा कि वह पांच जिलों - मिजार्पुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, बांदा और
फरुर्खाबाद के जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों की भी मांग कर रही हैं।
आदित्यनाथ के जाने के बाद शाह ने पटेल के साथ एक अलग बैठक भी की।
आदित्यनाथ
गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। उनके शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री
मोदी और दोपहर में भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से भी मिलने की उम्मीद है।
सूत्रों
ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी
पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ आदित्यनाथ की बैठक का मुख्य एजेंडा
होगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड की स्थिति से निपटने पर भी बैठक के
दौरान चर्चा होने की संभावना है।
कोविड-19 से निपटने को लेकर जहां
राज्य के प्रयासों की विपक्ष ने आलोचना की है, वहीं भाजपा नेतृत्व ने उत्तर
प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की है।
आदित्यनाथ की
नई दिल्ली यात्रा ने उत्तर प्रदेश कैबिनेट और अगले साल होने वाले विधानसभा
चुनावों से पहले पार्टी के ढांचे में संभावित बदलावों के बारे में अटकलों
को हवा दी है।
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, बैठक में संभावित
कैबिनेट विस्तार या फेरबदल पर भी चर्चा होने की संभावना है। अगले साल होने
वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए राज्य भाजपा
इकाई में बदलाव भी एजेंडे का हिस्सा है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव
(संगठन) बी. एल. संतोष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश
में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की
समीक्षा के लिए लखनऊ का दौरा किया।
संतोष ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों से फीडबैक ली, जिससे पार्टी के उत्तर प्रदेश में संभावित बदलाव की अटकलों को हवा मिली थी।
सूत्रों
ने दावा किया कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा एकत्र किए गए फीडबैक के आधार पर
उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ पार्टी की राज्य इकाई में भी फेरबदल करने का
फैसला किया गया है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री
जितिन प्रसाद की भूमिका, जिन्होंने बुधवार को कांग्रेस छोड़कर भाजपा का
दामन थाम लिया था, पर भी आदित्यनाथ की केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के साथ
बैठकों के दौरान चर्चा की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में एक प्रसिद्ध
ब्राह्मण चेहरा, प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद उत्तर प्रदेश में एक
प्रमुख ब्राह्मण नेता के तौर पर जाने जाते हैं।
--आईएएनएस
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