नई दिल्ली। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 13वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन में कहा कि मौजूदा कोविड-19 महामारी के बाद आने वाले समय में भारत के शहरी परिवहन में व्यावहारिक परिवर्तन आने की संभावना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह कोविड संकट दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शहरी परिवहन को ज्यादा बेहतर बनाने का एक अवसर भी प्रस्तुत करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह आह्वान किया है कि वर्तमान कोरोना संकट को 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के एक अवसर के रूप में बदलना चाहिए और यह समय साहसिक निर्णय लेने तथा निवेश करने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 16 से 57 प्रतिशत शहरी लोग पैदल यात्री हैं और करीब 30 से 40 प्रतिशत जनता शहर के आकार के आधार पर देश में साइकिल का उपयोग करती है।
इसे एक अवसर के रूप में देखते हुए, इन साधनों की प्राथमिकता को तय कर देने से यात्रियों को निजी वाहन का एक और सस्ता विकल्प मिलता है। अगर यह अन्य साधनों के साथ एकीकृत किया जाए और सभी के लिए वहन करने योग्य हो तो यह स्वच्छ, विश्वसनीय और विशेष रूप से सुरक्षित अवसर प्रदान करता है।"
उन्होंने कहा कि गैर-मोटर चालित परिवहन होने के अनेक फायदे हैं, यह एक उपयोगी साधन हो सकता है, गैर-विक्रयी होगा और शहरी गतिशीलता में हर प्रकार की स्थिति में कामयाब होगा। इस सम्मेलन के दौरान कोविड-19 के दौरान शहरी परिवहन में नवाचारों के लिए पुरस्कार भी घोषित किए गए और संलग्न किये गए हैं।
शहरी गतिशीलता के उभरते रुझान विषय पर आयोजित इस सम्मेलन के अवसर पर मेसर्स गेल आर्किटेक्स्ट के संस्थापक और वरिष्ठ सलाहकार प्रोफेसर यान गेहल, फ्रांस सरकार में परिवहन मंत्री और पारिस्थितिकी अंतरण के लिए संबद्ध मंत्री प्रतिनिधि जो बापटिस्ट जेबारी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन सोसाइटी की महानिदेशक डॉ. क्लाउडिया वानिर्ंग, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा भी उपलब्ध रहे।
--आईएएनएस
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