नोवेल कोरोना वायरस के मुख्य लक्षण हैं बुखार, खांसी और सांस लेने में
दिक्कत। रेडियोलॉजिकल साक्ष्य निमोनिया जैसे होंगे। 10 प्रतिशत से 20
प्रतिशत मामलों में रोग इतना गंभीर हो सकता है कि वेनटिलेटरी सहायता की
जरूरत पड़े। ऐसे मामलों में मृत्यु-दर लगभग 2 प्रतिशत है।
मनुष्य से मनुष्य
में संप्रेषण के मामले नोवेल कोरोना वायरस में देखे गए हैं तथा ये
संक्रमित व्यक्ति के सन्निकट रहने वाले लोगों में ड्रापलेट्स/एयरोसोल के
माध्यम से फैलता है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, संक्रमित रोगियों के फीकल
नमूनों में इस वायरस के पाए जाने की रिपोर्टों के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर
पडऩे वाले प्रभावों संबंधी अध्ययन किए जा रहे हैं।
नोवेल कोरोना वायरस को
और फैलने से रोकने के लिए इस रोग के सभी संदिग्ध एवं संभावित मामलों को
बैरियर नर्सिग एवं संपूर्ण सावधानियों के साथ अलग से उपचार किया जाना
चाहिए। भारत में अभी तक कोरोना वायरस के तीन मामले सामने आए हैं। तीनों
रोगी केरल के हैं और इन तीनों ने पिछले दिनों चीन के वुहान शहर की यात्रा
की थी।
(IANS)
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