नई दिल्ली। कोरोना से जुड़े आवश्यक सामानों पर कर से छूट को लेकर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने आठ सदस्यीय मंत्रियों के पैनल का गठन किया है, जिसमें कांग्रेस शासित राज्यों के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, गठित समिति में कांग्रेस शासित राज्यों के सदस्य का शामिल ना होना, सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है। कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्री जो जीएसटी परिषद का हिस्सा हैं, उन्हें कोविड राहत सामग्री पर जीएसटी दरों पर चर्चा करने के लिए गठित जीओएम (मंत्रियों के समूह) में शामिल किया जाना चाहिए।
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कांग्रेस शासित राज्यों के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है और सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री के अनुसार, कांग्रेस पार्टी पिछले कई दिनों से हर स्तर पर कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से मुकाबले के लिए वैक्सीन, दवाइयों और अन्य उपकरणों पर जीएसटी की छूट के लिए लगातार मांग कर रही है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्रियों ने इस संबंध में जीएसटी में छूट देते हुए 5 प्रतिशत के स्थान पर 0.1 प्रतिशत की दर रखने का प्रस्ताव रखा था।
काउंसिल में इस पर सहमति नहीं बनने पर इस विषय पर विचार के लिए जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष द्वारा एक आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि, इसमें जानबूझकर एक भी कांग्रेस शासित राज्य के मंत्री को सदस्य नहीं बनाया गया है ताकि इस मांग पर विचार ही न हो।
--आईएएनएस
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