तीस हजारी कोर्ट से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने
क्राइम ब्रांच की जो एसआईटी बनाई है, उसे यही तय करने में पसीना आ रहा है
कि मुंह ढककर बवाल मचाने वालों को वह वकील कैसे साबित करेगी? "
इस
सूत्र का इसके सामने तर्क था, "दरअसल, 2 नवंबर को तीस हजारी अदालत में
चुनावी प्रक्रिया संबंधी कामकाज चला था। उस दिन आम पब्लिक कम थी। इसके बाद
भी झगड़े के दौरान अचानक वकीलों के रूप में जो भीड़ सीसीटीवी फुटेज में कैद
हुई, वो भी संदेह के घेरे में है। वजह, हो सकता है कि वकीलों की आड़ में
कुछ असामाजिक तत्व उस घटना के दौरान उपद्रव फैलाकर यानी आग में घी डालकर
निकल गए हों। झंझट वकीलों व पुलिस के बीच बढ़ गया।
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