नई दिल्ली। ऐसे हजारों छात्र हैं जिनके अभिभावक सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं की फीस भरने में असमर्थ हैं। ऐसे छात्रों की पढ़ाई जारी रह सके इसके लिए अब दिल्ली के शिक्षा मंत्रालय और दिल्ली के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले स्टूडेंट के बोर्ड परीक्षा का फार्म भरे जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बार भी सीबीएसई ने विगत वर्षों की भांति 1800 से लेकर लगभग 3000 रूपए तक का परीक्षा शुल्क का प्रावधान रखा है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के माता-पिता, आर्थिक स्तर पर पिछले दो साल से बहुत ही कठिनाई का सामना कर रहे हैं। बहुत से परिवारों की नियमित आमदनी भी खत्म हो गई है। करोना की मार झेलने वाले लाखों परिवारों ने प्राइवेट स्कूलों की फीस न भर पाने की हैसियत के कारण अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाया है।
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आइपा) के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक अग्रवाल के मुताबिक पिछले दो सालों में सरकारी स्कूलों के बच्चों की सीबीएसई का परीक्षा शुल्क जमा करने के लिए अनेक संस्थागत और व्यक्तिगत स्तर पर क्राउड फंडिंग तक करनी पड़ी थी।
अशोक अग्रवाल कहां कि हम दिल्ली सरकार का ध्यान दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स से जुड़ी एक बड़ी जरूरत की ओर दिलाना चाहते हैं। हमारी संस्था को इस संबंध में दिल्ली सरकार और सीबीएसई से अनुरोध करने का निर्देश भी दिया था।
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से कहा है कि इस साल दिल्ली की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है और बजट में भी दिल्ली की शिक्षा को अधिक बजट आवंटन किया गया है। हमारी संस्था ने 17 जून 2022 को दिल्ली के मुख्यमंत्री को सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान दिल्ली सरकार द्वारा किए जाने का लिखित अनुरोध किया है। लगभग पंद्रह दिन बीत जाने के बाद भी हमारे अनुरोध के बारे में किसी भी तरह का जबाव हमारी संस्था को नहीं मिला है।
अब अभिभावक संगठन का कहना है कि दिल्ली सरकार के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सभी बच्चों के अभिभावक हैं। अशोक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि इस संबंध में आइपा की ओर से अनुरोध है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली स्टूडेंट्स के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति, दिल्ली सरकार के शिक्षा बजट और बच्चों की शिक्षा जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए दसवीं और बारहवीं कक्षा में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा शुल्क का भुगतान दिल्ली सरकार द्वारा किया जाना तत्काल सुनिश्चित किया जाए। आइपा के अध्यक्ष के रूप में मैं और हमारी संस्था इन लाखों बच्चों को ओर से आपकी आभारी होगी।
--आईएएनएस
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