नई दिल्ली। सरकारी बैंकों में भारी मात्रा में पूंजी लगाने की घोषणा के एक दिन बाद बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे स्थिति में सुधार होगा। जेटली ने ईटी नाऊ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि इससे स्थिति में सुधार होगा। देश की अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में कोई भी दिन आसान नहीं होता है और यह मैं पिछले साढ़े तीन सालों के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं। हम एक के बाद एक लगातार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। स्थिति को देखते हुए हमने कई कदम उठाए हैं, सुधार के कई कदम उठाए हैं, जिसमें से कुछ के अच्छे नतीजे मिलेे हैं।’’बैंकों को दिए गए प्रोत्साहन पैकेज का लक्ष्य आर्थिक विकास में वृद्धि करना, नौकरियां पैदा करना तथा बैंकों की कर्ज देने की क्षमता को बरकरार रखना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को सरकारी बैंकों को 2.11 लाख करोड़ रुपये देने को मंजूरी प्रदान की थी, ताकि वे अवसंरचना में निवेश के लिए कर्ज प्रदान कर सकें। अगले पांच सालों में सडक़ अवसंरचना में 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आर्थिक और व्यवसायिक निर्णय में पारदर्शिता लाने के लिए, एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) को प्रोत्साहित करने के लिए तथा आधारभूत संरचना निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए हमने यह कार्यक्रम शुरू किया है। लेकिन मुख्य समस्या बैकों को लेकर थी, यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के पिछले दो कार्यकाल में जिस तरीके से बैंकिंग प्रणाली को चलाया गया, खासतौर से यूपीए 2 सरकार के दौरान।
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