नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' के पीछे मुख्य विचार गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सूचीबद्ध करना और राष्ट्र के विकास के लिए उनके बलिदान की भावना का उपयोग करना था। लालकिले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की सुदर्शन कार रैली को हरी झंडी दिखाने और विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) द्वारा निकाली गईं साइकिल रैलियों को झंडी दिखाने के के मौके पर उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव देश के विकास का संकल्प है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बलों के 1000 जवानों ने देशभर में इन गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि दी है और 41,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद उनकी रैलियां राजघाट पर जाकर समाप्त हुईं।
उन्होंने कहा कि अपनी रैलियों के दौरान छोटे-छोटे स्थानों पर उन्होंने इन वीरों की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की और लोगों को उनके योगदान से अवगत कराया।
उन्होंने कहा, "हम सभी का जन्म हमारे देश की आजादी के बाद हुआ है। अब हम अपने देश के लिए मर नहीं सकते, लेकिन हम देश को समृद्ध बनाने के लिए उसके साथ रह सकते हैं।"
शाह ने कहा कि देश को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए हम सभी को विकास पथ पर चलने का प्रयास करना चाहिए और अगर देश के युवा, वैज्ञानिक और टेक्नोक्रेट आत्मनिर्भरता हासिल करने का फैसला करें, तो देश कई तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा और जल्द ही भारत इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा। पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का प्रधानमंत्री मोदी जी का स्पष्ट आह्वान है।
उन्होंने कहा, "अगर युवा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन नहीं करने का फैसला करते हैं, अगर वे खाना बर्बाद नहीं करने का फैसला करते हैं, तो जरा सोचिए कि भारत कैसे बड़े पैमाने पर समृद्ध होगा।"
शाह ने कहा, "अगर हम आजादी के 75वें वर्ष में अपने देश के विकास के लिए प्रयास करने का संकल्प लेते हैं, तो हममें से कई लोग आजादी के 100वें वर्ष को देखेंगे, लेकिन मुझे यकीन है कि तब तक देश एक महान शक्ति के रूप में उभरेगा।"
गृहमंत्री ने कहा कि सीएपीएफ के जवान सीमा पर माइनस 40 डिग्री तापमान से लेकर 43 डिग्री सेल्सियस तक बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में, घने जंगलों में और हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए सेवा कर रहे हैं। हमारे देश की रक्षा के लिए 35,000 से अधिक सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।
शाह ने कहा कि एनएसजी कार रैली हजारों किलोमीटर की दूरी तय करेगी और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देगी।
उन्होंने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उनके योगदान का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे गांधीजी ने बिना खून बहाए और बिना हथियारों के ब्रिटिश शासन से लड़ाई लड़ी और शास्त्री जी ने अगली पीढ़ी को सादगी का रास्ता दिखाया।
--आईएएनएस
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