नई दिल्ली। केन्द्र सरकार को विपक्ष फिर से घेरने की तैयारी कर रही है। विपक्ष से ईवीएम का भूत उतर ही नहीं रहा है। इसलिए 17 राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम के स्थान पर मत पत्र से वोटिंग कराने की मांग करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उनका मानना है कि इन मशीनों का भाजपा दुरुप्रयोग करके जनादेश का अपहरण कर लेते हैं। 2019 के आमचुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो रही है। अभी हाल ही में विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। भाजपा को विपक्ष अगले चुनाव में विजय रथ को रोकने की कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है।
आपको बताते जाए कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्ष की पार्टियों के नेताओं से मुलाकात में इस बात पर मोहर लगाई गई है कि वे सभी चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे।
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मत पत्र से चुनाव कराने का मामला उठाया था। पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने बताया था कि इस मामले को चुनाव आयोग जाकर उठाएंगे। साथ ही मांग नहीं मानी गई तो वहां पर धरना भी दिया जाएगा।
आपको बताते जाए कि ईवीएम से चुनाव कराने के विरोध में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस आदि हैं। पहले भी विपक्षी पार्टियां ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर भाजपा पर लगातार आरोप जड़ चुकी हैं।
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