नई दिल्ली । मोदी सरकार के कोविड महामारी से निपटने के
तरीके पर हमला करते हुए कांग्रेस ने वैक्सीन नीति को भी गलत बताते हुए कहा
कि गड़बड़ी इसलिए पैदा हुई क्योंकि प्रधानमंत्री वैक्सीन गुरु बनना चाहते
थे।
रविवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता
पवन खेड़ा ने कहा, भारत सरकार ने कोविड संकट को ठीक से नहीं संभाला। जब
वैक्सीन निमार्ताओं के साथ बातचीत की बात आई, जब वैक्सीन नीति बनाने की बात
आई, तो सब कुछ केंद्रीकृत था। पवन खेड़ा ने कहा कि दरअसल यह केंद्रीकृत भी
नहीं था, यह व्यक्तिगत था, क्योंकि कोई 'वैक्सीन गुरु' बनना चाहता था।
नरेंद्र मोदी 'वैक्सीन गुरु' के रूप में जाना जाना चाहते थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने
कहा कि भारत में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन सरकार ने 14 राज्यों में
162 ऑनसाइट ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना में 8 महीने की देरी की । जब संकट
गहराया, तो राज्य सरकारों को दोषी ठहराया गया।
आठ चरणों वाले
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव, सुपर-स्प्रेडर रैलियों और कुंभ मेले का हवाला
देते हुए, पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार के फैसलों पर सवाल पूछे जा रहे थे।
आपके पास केंद्रीकृत निर्णय लेने और विकेंद्रीकृत जिम्मेदारी नहीं हो सकती
है। दोनों को विकेंद्रीकृत करना होगा। दोनों को एक-दूसरे के साथ तालमेल
बिठाना होगा।
उन्होंने सवाल किया आज, आपकी वजह से, अलग-अलग राज्य
अपने लोगों के लिए एक ही कंपनियों, वैक्सीन निमार्ताओं के साथ बातचीत कर
रहे हैं। उन सभी को अलग-अलग कीमत मिलेगी .. क्यों? इन सवालों का भी जवाब
कौन देगा?
--आईएएनएस
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