नई दिल्ली। हाल ही में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन ने भारत में महिलाओं के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें ये कहा गया था कि भारत महिला यौन हिंसा मामले में विश्व के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। इस रिपोर्ट पर बवाल मचने के बाद अब इस रिपोर्ट को खरिज करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा, रिपोर्ट कुछ अनजान लोगों की धारणा पर आधारित है तथा इसमें उन सभी पहलुओं की उपेक्षा की गई जिनमें भारत ने काफी तरक्की की है।
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रिपोर्ट डेटा पर आधारित नहीं
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की रिपोर्ट के संदर्भ में एक बयान जारी कर कहा, इस रिपोर्ट में भारत के सन्दर्भ में जो बात की गई है वो किसी रिपोर्ट या डेटा पर आधारित नहीं, बल्कि एक सर्वेक्षण पर आधारित है।
फाउंडेशन गलत विधि का इस्तेमाल कर इस दावे पर पहुंची है। यह रैंकिंग छह सवालों के जवाब के मुताबिक बनी धारणा पर आधारित है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस सर्वेक्षण के नतीजे किसी तरह के डेटा से नहीं लिए गए हैं। और ये स्वाभाविक रूप से व्यक्तिपरक राय पर आधारित है।’’
सर्वेक्षण में शामिल लोगों को जानकारी नहीं
मंत्रालय ने कहा,‘‘सर्वेक्षण जिन 548 लोगों के साथ किया गया उनको फाउंडेशन ने ‘महिलाओं के मुद्दों से जुड़े विशेषज्ञ’ बताया है। बहरहाल, इन लोगों के पद, परिचय, देश से जुड़ी विशेषज्ञता या योग्यता के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में यह विश्वसनीयता का मुद्दा है।’’
मंत्रालय ने कहा कि सर्वेक्षण के संदर्भ में इससे कोई राय नहीं मांगी गई। उसने कहा,‘‘इस सर्वेक्षण में छह प्रश्न शामिल किए गए और यह बात सभी देशों पर निष्पक्ष ढंग से लागू नहीं हो सकती।
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