नई दिल्ली। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक परिवहन के लिए भारत जल्द ही एक राष्ट्र एक कार्ड नीति की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि इससे परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच समेकित रूप से तालमेल स्थापित होगा। अमिताभ कांत ने कहा कि मजबूत परिवहन क्षेत्र किसी देश के विकास की रीढ़ होता है, खासतौर से भारत जैसे घनी आबादी वाले विकासशील देश के लिए इसकी अहमियत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि देश की परिवहन रणनीति का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन के साधनों को टिकाऊ बनाना और परिवहन केंद्रित योजना व डिजिटीकरण को लागू करना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांत ‘फ्यूचर मॉबिलिटी समिट-2018’ में बोल रहे थे, जिसमें ‘इंडियाज मूव टू नेक्स्टजेन ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ यानी अगली पीढ़ी के परिवहन तंत्र की दिशा में भारत के कदम के विषय पर चर्चा हुई। भारत में सडक़ परिवहन का देश के सकल घरेलू उत्पाद में चार फीसदी योगदान है, जबकि यह क्षेत्र मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन पर आधारित है। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि देश के प्रमुख नगरों में वायु की गुणवत्ता बदतर स्थिति में होने, जलवायु परिवर्तन की चिंता बढऩे और तेल आयात बिल में काफी इजाफा होने से विकास के मामले में परिवहन क्षेत्र एक बड़ी उलझन है। साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था और लोगों की संभावनाओं की कुंजी भी है।
नीति आयोग के सलाहकार अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार पूरे भारत में मजबूत परिवन व्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपने वाहन का इस्तेमाल करने के बजाय वाहन इस्तेमाल मे साझेदारी यानी शेयरिंग राइड की दिशा में काम करना चाहिए। सरकार ने भारत के मॉबिलिटी विजन का संचालन करने के लिए विभिन्न विभागों के हितधारकों को एकीकृत किया है।
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