नई दिल्ली । भारत सरकार ने 1 अगस्त 1953 को वायु निगम अधिनियम के तहत एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया था। हवाई यात्रा में उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं की गारंटी देने के लिए यह कदम उठाया गया था।
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मार्च 1953 में संसद ने वायु निगम अधिनियम पारित किया था। इसके बाद 28 मई 1953 को इस एक्ट पर राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी थी। जिसके बाद 1953 एक्ट लागू कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक 1932 में टाटा एयरलाइंस की शुरुआत करने वाले जेआरडी टाटा को इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने टाटा को बिना बताए एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया था। उस समय एयर इंडिया दुनिया की श्रेष्ठ एयरलाइंस में से एक मानी जाती थी। बाद में टाटा एयरलाइंस एयर इंडिया के रूप में परिवर्तित हो गई थी।
इस बड़े बदलाव के बाद भारत सरकार ने एयर इंडिया के अधिकतर शेयर खरीद लिए थे और उसका मालिकाना हक बढ़ गया था। कंपनी का नाम बदलकर एयर इंडिया इंटरनेशनल कर दिया गया और जेआरडी टाटा को इसका चेयरमैन बनाया गया था। इंडियन एयरलाइंस की स्थापना 15 जून, 1953 को हुई थी। दो नए विमान सेवा कंपनियों एअर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस की शुरुआत हुई थी।
भारत की आजादी के पहले से मौजूद 7 क्षेत्रीय कंपनियों डेक्कन एयरवेज, एयरवेज इंडिया, भारत एयरवेज, हिमालयन एविएशन, कलिंगा एयरलाइंस, इंडियन नेशनल एयरवेज और एयर सर्विसेज ऑफ इंडिया को मिलाकर इंडियन एयरलाइंस कंपनी बनाई गई थी। उस समय एयर इंडिया के पास 99 विमान थे।
जेआरडी टाटा देश के पहले पायलट बने थे। 10 फरवरी 1929 को जेआरडी टाटा को पहले भारतीय पायलट के रूप में लाइसेंस मिला था। 15 अक्टूबर 1932 को कराची और मुंबई के बीच उड़ान भरकर जेआरडी टाटा ने अपनी टाटा उड्डयन सेवा की शुरूआत की थी।
--आईएएनएस
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