एजेंसियों ने यह भी कहा है कि ब्लू बुक के अध्याय 10 में निहित
दिशानिर्देशों में शीर्षक 'लोकतांत्रिक राजनीति में सुरक्षा व्यवस्था' का
पालन किया जा सकता है, ताकि कठोर और अव्यावहारिक उपायों से बचा जा सके।"
एजेंसियों
ने पिछले दिनों भारत द्वारा लिए गए बड़े फैसलों पर ध्यान केंद्रित किया
है, जिनमें नागरिकता संशोधन अधिनियम (12 दिसंबर), राम जन्मभूमि का फैसला
(नौ नवंबर), अनुच्छेद 370 को निरस्त करना (पांच अगस्त) शामिल हैं। इसके
अलावा एजेंसियों ने भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में की गई एयर
स्ट्राइक का उदाहरण देते हुए खतरे के परि²श्य में नए आयाम जोड़े हैं।
एजेंसियों
ने कहा, "इस तरह की परिस्थिति में पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों द्वारा
प्रतिशोध की कार्रवाई से इंकार नहीं किया जा सकता है।"
एजेंसियों ने
कहा कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) आतंकी समूहों को
लगातार ढांचागत और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
राष्ट्रीय
जांच एजेंसी (एनआईए) को अक्टूबर 2019 में लश्कर-ए-तैयबा का पत्र भी मिला
था, जिसमें जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा कथित
ज्यादतियों का बदला लेने के लिए प्रधानमंत्री सहित देश के गणमान्य लोगों को
लक्षित करने की धमकी दी गई थी।
इसी तरह सितंबर 2019 में
जैश-ए-मोहम्मद के शम्शे वानी द्वारा लिखित एक अन्य धमकी भरे पत्र में यह
दावा किया गया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के
लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को लक्षित करके
बदला लिया जाएगा।
यही नहीं इससे पहले जुलाई 2019, मई 2019, मार्च
2019 और फरवरी 2019 में भी विभिन्न आतंकवादी समूहों द्वारा भारत के शीर्ष
नेताओं सहित कई जगहों पर आतंकी हमलों की चेतावनी भी दी जा चुकी है।
एजेंसियों ने सुरक्षा प्रतिष्ठानों को उपयुक्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी अलर्ट कर दिया है।
(IANS)
बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनी: RJD 26 ,कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
'बहुत सकून मिला है', अंसारी की मौत के बाद पीड़िता का बयान
बिल गेट्स ने लिया मोदी का इंटरव्यू: PM बोले-भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में डीपफेक एक बड़ी चिंता
Daily Horoscope