नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को तबलीगी जमात से जुड़े कई विदेशी नागरिकों की याचिका पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। तबलीगी जमात से जुड़े विदेशी नागरिक दरअसल कोर्ट के पहले के आदेश में बदलाव चाहते हैं। न्यायमूर्ति विपिन संघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने अधिवक्ता अशिमा मंडला की ओर से दाखिल याचिका पर उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया। मंडला चाहती हैं कि जिन स्थानों पर विदेशी नागरिकों को रखा गया है, उनमें से एक वेन्यू बदला जाए और अदालत वहां रह रहे विदेशियों को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की अनुमति दे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
याचिकाकर्ता ने कहा कि 65 विदेशी नागरिक मिराज इंटरनेशनल स्कूल में रह रहे हैं और वे वहां स्कूल की सुविधाओं से खुश नहीं हैं।
इसलिए समुदाय अदालत से यह आग्रह कर रहा है कि उन्हें तत्काल मिराज इंटरनेशनल स्कूल से टेक्सान पब्लिक स्कूल में स्थांतरित करने की अनुमति दी जाए।
याचिका में कहा गया है कि समुदाय ने दो वैकल्पिक जगहों की तलाश की है, जिसका उपयोग भविष्य में किया जा सकता है।
याचिका में कहा गया है कि समुदाय एक बार फिर शिफ्ट होने और अन्य खर्चो को खुद वहन करेगा।
28 मई को, पीठ ने 955 विदेशी नागरिकों को अन्य जगहों पर रहने की अनुमति दे दी थी, जिन्होंने निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में भाग लिया था।
इससे पहले तबलीगी जमात ने विदेशी नागरिकों के खाने और रहने के प्रबंध की जिम्मेदारी ली थी।
विदेशी नागरिकों को हालांकि बिना इजाजत अपने जगहों को नहीं छोड़ने के लिए कहा गया था।
--आईएएनएस
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