नई दिल्ली। विवाद का केंद्र बन चुकी तबलीगी जमात को स्थगित करने का इस धर्म के दिग्गजों ने जमात प्रमुख मौलाना साद कंधालवी को सुझाव दिया था, लेकिन साद ने सुझाव की अनदेखी की। जमात से संबंधित कोविड-19 पॉजिटिव मामले तेजी से बढ़े हैं और भारत में लगभग 20 प्रतिशत मामले इस मंडली से संबंधित हैं। इतना ही नहीं, सरकार ने लगभग 22000 व्यक्तियों का पता लगाया है, जिनका जमात से सीधा संबंध है। कुछ सदस्यों को कुछ राज्यों में क्वारंटाइन किया गया है और सरकार ने बाकी जमातियों से सामने आने और परीक्षण कराने की अपील की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस नेता मीम अफजल ने बताया, "मुझे बताया गया है कि कोरोनावायरस फैलने की बात पता चलने के बाद तबलीगी जमात के स्प्रिंटर समूह ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। यही सलाह मौलाना साद को विभिन्न लोगों ने भी दी थी।" स्प्रिंटर ग्रुप का मुख्यालय दिल्ली के दरियागंज में मस्जिद फैजि़लाही में है जो शूरा-ए-जमात के नाम से चलता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जफर सरेशवाला ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इस कार्यक्रम को रद्द करने का अनुरोध करने के लिए साद से मिले लेकिन साद ने उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया।
तब्लीगी जमात के कुछ दिग्गजों ने मौलाना साद की कार्यशैली पर चिंता जताई है।
मुंबई से मोहम्म्द आलम ने बताया कि मौलाना साद कोरोनावायरस फैलने के बारे में सब कुछ जानता था लेकिन उसके अड़ियल रवैये ने निर्दोष तबलीगी जमात के सदस्यों को इस घातक वायरस के मुंह में धकेल दिया है। मौलाना साद, जो दुनिया के मुसलमानों का प्रमुख (अमीर) होने का दावा करता है। साथ ही तबलीगी मरकज को मक्का और मदीना के बाद सबसे पवित्र स्थान बताता है, उसने कोरोनोवायरस महामारी को नजरअंदाज किया।
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope