चीन के इस बीमार नागरिक ने अपने पत्र में कहा, "यह बिल्कुल अचानक
हुआ जब मुझे यहां भारत के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। अस्पताल में
भर्ती होने के बाद शुरुआती दौर में मैं काफी डरा हुआ था। मेरा यह डर भारत
के अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं और भाषा की समस्या को लेकर था।"
चीन
के इस नागरिक ने इंग्लिश और चीनी भाषा में पुणे के नायडू हॉस्पिटल स्थित
डॉक्टरों को एक पत्र दिया है। इस पत्र में मुख्यत: अस्पताल में मिली
सुविधाओं व उपचार की जानकारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन के इस
नागरिक का यह पत्र ट्विटर के माध्यम से साझा किया किया है।
चीनी शख्स ने कहा, "अस्पताल में बेहद डरा हुआ था लेकिन इस खास समय पर चीन से आए लोगों के प्रति हर किसी का रवैया बहुत मददगार रहा।"
कोरोनावायरस
के संदेह के चलते चीन के इस नागरिक को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है जहां
किसी को जाने की अनुमति नहीं है। उपचार कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक, रोगी
में अभी कोरोनावायरस की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि कुछ लक्षण जरूर देखे
गए हैं।
शुरूआती दौर के अपने भय पर काबू पाते हुए चीनी नागरिक ने
कहा, "यहां अस्पताल में हर चीज व सुविधा काफी सुव्यवस्थित थी। चाहे वह बाहर
से कोई भोजन खरीदना हो, साफ सफाई हो या नर्सों की देखरेख हो.यहां अस्पताल
के अंदर यह सभी सेवाएं अच्छी तरह से व्यवस्थित थी।"
चीन के इस नागरिक ने अपने पत्र के अंत में अस्पताल के सभी डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ कर्मियों का शुक्रिया अदा किया है।
(आईएएनएस)
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