नई दिल्ली। अगले 8-9 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था के बढ़कर 5000 अरब डॉलर (पांच ट्रिलियन डालर) हो जाने की उम्मीद है, जिसमें अकेले विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 20 फीसदी होगा। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को यह बात कही।
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प्रभु ने कहा, "हम इसे प्राप्त करने की दिशा में विस्तृत योजना तैयार कर रहे हैं। विशेषज्ञ सभी क्षेत्रों के लिए रोडमैप तैयार करने में जुटे हैं, जिसमें वे सभी क्षेत्र शामिल हैं जिनमें विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सकता है। अगर विनिर्माण क्षेत्र का डिजिटलीकरण होता है, तो इससे प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए विशाल अवसर पैदा होंगे।"
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा यहां आयोजित इंडिया डिजिटल समिट के पहले दिन मंत्री ने कहा कि नवाचार को भौगोलिक सीमाओं में बांधा नहीं जा सकता।
मंत्री ने कहा, "5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने के लिए विनिर्माण क्षेत्र को 1,000 अरब डॉलर तथा सेवा क्षेत्र को 3,000 अरब डॉलर का योगदान करना होगा।"
प्रभु ने कहा कि वे वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय कारोबार को बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, जो अर्थव्यवस्था में 2,000 अरब डॉलर का योगदान कर सकता है।
इससे पहले नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अमिताभ कांत ने यहां कहा कि अगले पांच सालों में हर भारतीय के हाथ में स्मार्टफोन होगा।
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