नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से जुडे अनुच्छेद 35 ए पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है। ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट में संविधान के आर्टिकल 35 ए की संवैधानिकता को चुनौती देनेवाली 4 याचिकाएं दायर की गई हैं। ये याचिकाएं आर्टिकल 35 ए को खत्म करने की मांग को लेकर ये याचिकाएं दायर की गई हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही कश्मीर में गहमागहमी का माहौल बन गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हुर्रियत कांफ्रेंस ने खुली चेतावनी दी है कि अगर फैसला खिलाफत में आया तो घाटी में बगावत की स्थिति बन जाएगी। एक संयुक्त बयान में अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और मोहम्मद यासिन मलिक ने कहा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट राज्य के लोगों के हितों और आकांक्षा के खिलाफ कोई फैसला देता है तो लोग जनआंदोलन शुरू करें।
क्या है आर्टिकल 35 ए, जानें पूरा मामला:
गौरतलब है कि आर्टिकल 35ए भारतीय संविधान में एक प्रेंसिडेशियल ऑर्डर के जरिए 1954 में जोड़ा गया था। यह राज्य विधानमंडल को कानून बनाने की कुछ विशेष शक्तियां देता है। आपको बता दें कि अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है।
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