नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि संसद को अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए स्पीकर को विशेष शक्तियां देने के औचित्य पर विचार करना चाहिए। इस टिप्पणी का कर्नाटक विधायकों को अयोग्य करार देने की पृष्ठभूमि में खासा महत्व है। इस पर बीते साल शीर्ष कोर्ट द्वारा फैसला किया गया था।
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न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस प्रक्रिया में अधिक निष्पक्षता लाने पर जोर देते हुए कहा कि संसद सांसदों और विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं को तय करने के लिए स्पीकर के पास विशेष शक्तियां देने की बजाय एक स्वतंत्र और स्थायी निकाय बना सकती है।
शीर्ष कोर्ट की यह टिप्पणी मणिपुर में वन और पर्यावरण मंत्री टी. श्यामकुमार की अयोग्यता पर आई है। श्यामकुमार कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, लेकिन राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए।
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