नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार द्वारा कंपनी का अधिग्रहण करने पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसके तहत यूनिटेक के निदेशकों को बर्खास्त करने और केंद्र सरकार को उनके स्थान पर अपने निदेशकों को नामित करने की अनुमति प्रदान की गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एनसीएलटी का रुख करने के लिए कोर्ट से माफी मांगी। यूनिटेक मैनेजमेंट पर धन के हेरफेर का आरोप लगने के बाद कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी का प्रबंधन संभालने के लिए एनसीएलटी का रुख किया था।
सरकार ने करीब 20,000 घर खरीदारों और 51,000 जमाकर्ताओं जिनका कंपनी पर कुल 700 करोड़ रुपये बकाया है, के हितों की रक्षा के लिए कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के लिए एनसीएलटी के पास याचिका दायर की थी। एनसीएलटी ने सरकार को आदेश दिया था कि वह 20 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई के दिन निदेशकों के नामों की अनुशंसा करे।
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