नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने काला धन कानून को पूर्व प्रभाव से लागू करने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षा वाली अवकाश पीठ ने अधिवक्ता गौतम खेतान को एक नोटिस जारी किया है। गौतम वीवीआईपी चॉपर घोटाले में आरोपी हैं और वह काला धन मामले में भी आरोपों का सामना कर रहे हैं। अदालत ने खेतान को छह सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महाधिवक्ता तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत में तर्क दिया था कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से अन्य मामले भी प्रभावित हो सकते हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 मई को आदेश जारी कर सरकार और आयकर विभाग को ब्लैक मनी (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) एवं इम्पोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 के तहत गौतम खेतान के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया था।
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा घोटाले में आरोपी खेतान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 26 जनवरी को ऑफशोर खातों में रुपये जमा करने के कारण गिरफ्तार किया था।
खेतान ने यह कहते हुए अपनी गिरफ्तारी को अदालत में चुनौती दी थी कि केंद्र की अधिसूचना अवैध है, क्योंकि अधिसूचना में कहा गया है कि अधिनियम एक अप्रैल, 2016 के बदले एक जुलाई, 2015 से प्रभावी होगा। जबकि अधिनियम संसद में एक अप्रैल, 2016 को पारित हुआ था।
(आईएएनएस)
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