नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा है। इन विधेयकों का पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व में लगातार विरोध हो रहा है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहले इस जनहित याचिका पर यह कहकर सुनवाई करने से मना कर दिया था कि चूंकि कानून जारी कर दिए गए हैं, ऐसे में सुनवाई करने का कोई मतलब ही नहीं है। इसके बाद पीठ ने छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के नेता राकेश वैष्णव द्वारा दायर की गई एक अन्य जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्य न्यायाधीश ने अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल से कहा, "विभिन्न उच्च न्यायालयों में इनका जवाब देने के बजाय आप इसी अदालत में इसका जवाब दाखिल करें।" एजी ने इस सुझाव पर सहमति जताई और अब मामले की आगे की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने पहले याचिकाकर्ताओं के वकील एम.एल.शर्मा से कहा था, "कानून पारित हो गया है, इसलिए कार्रवाई करने का कोई कारण नहीं है।"
अधिवक्ता फौजिया शकील के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, "ये विधेयक देश में कृषि के कॉपरेरेटाइजेशन को प्रोत्साहित करने वाला है। जबकि खेती गरीब किसानों की जीवनरेखा है। यह अधिनियम मुख्य रूप से किसानों के हित से समझौता करने वाला है और उनके विवादों को सुलझाने की बजाय उन्हें प्रायोजकों की दया पर छोड़ने वाला है।"
--आईएएनएस
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope