याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस द्वारा की गई गलतियों पर पर्दा डालने के लिए मुठभेड़ को अंजाम दिया गया।
अधिवक्ता
मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर दूसरी याचिका, जिसे अभी तक अदालत में
सूचीबद्ध किया जाना है, में कहा गया है कि पुलिस हिरासत में चार गिरफ्तार
लोगों की हत्या कथित रूप से राजनीतिक मांग के कारण और मीडिया ट्रायल में
तेजी से वृद्धि और आरोपियों को बिना मुकदमे के तुरंत फांसी देने की मांग के
कारण की गई, जो कि अनुच्छेद 21 का गंभीर उल्लंघन है।
याचिका में
शर्मा ने कहा कि यह संवैधानिक प्रणालियों और भारत के नागरिकों के लिए जीवन
और स्वतंत्रता को खतरे में डालने वाली एक गंभीर चोट है।
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