नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती की यूएपीए मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई दिवाली अवकाश के बाद तक के लिए स्थगित कर दी।
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न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और पी.के. मिश्रा की पीठ ने उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की और सुनवाई स्थगित कर दी।
इससे पहले, शीर्ष अदालत की पीठ ने दायर याचिकाओं पर तीन सप्ताह में वापसी योग्य नोटिस जारी किये थे।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि यह मामला पंकज बंसल के मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के दायरे में आता है।
सिब्बल ने अदालत के समक्ष कहा, "गिरफ्तारी का आधार लिखित रूप में देना होगा...गिरफ्तारी ज्ञापन में कुछ भी नहीं दिया गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि चिकित्सा आधार पर अंतरिम राहत के लिए एक आवेदन भी है, क्योंकि आरोपी 70 वर्षीय व्यक्ति है।
हालाँकि, पीठ ने कहा कि वह दिवाली की छुट्टियों के तुरंत बाद मामले की सुनवाई करेगी।
आरोप है कि न्यूज पोर्टल को चीन समर्थक प्रोपेगेंडा चलाने के लिए पैसे मिले थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की याचिका खारिज कर दी और पुलिस रिमांड को बरकरार रखा।
ये दोनों 10 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में हैं।
दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर को न्यूज़क्लिक कार्यालय और समाचार पोर्टल के संपादकों और पत्रकारों के आवासों सहित कई छापे के बाद दोनों को गिरफ्तार किया।
उच्च न्यायालय से याचिकाएं खारिज होने के बाद पुरकायस्थ शीर्ष अदालत पहुंचे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत एक विशेष अनुमति याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने संपादक की ज्यादा उम्र का हवाला देते हुए तत्काल लिस्टिंग का अनुरोध किया था।
--आईएएनएस
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