नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें कोविड-19 के टीकाकरण के लिए पहचान के एकमात्र सबूत के तौर पर आधार कार्ड पेश करने पर जोर नहीं देने का निर्देश देने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा, "अखबार के लेखों पर मत जाइए। क्या आपने हाल ही में कोविन एप खुद देखा है?" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीठ ने आगे कहा कि एप को अपडेट कर दिया गया है और अब टीकाकरण के लिए पंजीकरण के लिए कई तरह के आईडी प्रूफ हैं।
याचिकाकर्ता सिद्धार्थशंकर शर्मा ने अधिवक्ता मयंक क्षीरसागर के माध्यम से शीर्ष अदालत का रुख किया।
याचिका में नागरिकों को दिए गए टीकाकरण के अधिकार की सुरक्षा की मांग की गई है, जो कोविन एप पर उल्लिखित सात निर्धारित फोटो-पहचान में से एक होने के बावजूद संबंधित प्राधिकरण द्वारा आधार की मांग की जाती है।
पीठ ने कहा कि आधार कार्ड एकमात्र आईडी नहीं है जिसे संबंधित अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया जाता है। पीठ ने वकील से कहा, "आप ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि के साथ भी पंजीकरण कर सकते हैं। आप खुद जाकर सत्यापन करें।"
क्षीरसागर ने प्रस्तुत किया कि कोई भी सात आईडी में से किसी के साथ पंजीकरण किया जा सकता है, लेकिन जब आप टीकाकरण केंद्र पर जाते हैं, तो अधिकारी आधार पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि कागज पर सब कुछ है, लेकिन लोग अभी भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं। मामले में दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
--आईएएनएस
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