नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे को 10 जुलाई को एनकाउंटर में मारे जाने की जांच के लिए एक समिति गठित करने के मंगलवार को संकेत दिए। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यह कुछ ऐसा है, जिसे अदालत बहुत अनिच्छा से करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "हम हैदराबाद गैंगरेप-मर्डर केस की तरह ही कुछ करेंगे जैसे एनकाउंटर की जांच के लिए एक समिति बनाना।"
विकास दुबे और उसके सहयोगियों के एनकाउंटर में मारे जाने और उत्तर प्रदेश में अपराधियों व नेताओं के बीच सांठगांठ को लेकर अदालत की यह टिप्पणी उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान आई है, जिनमें विकास दुबे और उसके साथियों की एनकाउंटर मौत और उत्तर प्रदेश में अपराधियों-राजनीतिज्ञों के बीच सांठगांठ की जांच अदालत की निगरानी में एक विशेष जांच दल, केंद्रीय जांच ब्यूरो या राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि राज्य को अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए हलफनामा दायर करने को समय दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मैं उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। हमें अपना विचार रखने की अनुमति दें।"
मेहता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपना पक्ष रखना चाहती है, क्योंकि उसने इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के बाद बहुत कुछ किया है।
उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य सरकार मामले में उठाए गए कदमों पर अपना जवाब गुरुवार तक दाखिल करेगी। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय की।
--आईएएनएस
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