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सुप्रीम कोर्ट ने उप्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की

Supreme Court dismisses plea seeking imposition of President rule in UP - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि उत्तर प्रदेश (उप्र) में अपराध दर बढ़ गई है और संवैधानिक मशीनरी भी टूट चुकी है। याचिका में उप्र में सबसे खराब क्राइम रिकॉर्ड का भी दावा किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "आपने कितने राज्यों के अपराध रिकॉर्ड का अध्ययन किया है?"

इस पीठ में न्यायाधीश ए. एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन भी शामिल थे। पीठ ने याचिकाकर्ता-इन-पर्सन वकील सी. आर. जय सूकिन को चेतावनी दी कि वह याचिका की प्रकृति को देखते हुए उन पर भारी जुर्माना लगा सकते हैं।

सूकिन की ओर से उनकी दलीलें सुनने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयास के बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "क्या आपने अन्य राज्यों के अपराध रिकॉर्ड का अध्ययन किया है? रिसर्च कहां है?" इस पर सूकिन ने उत्तर दिया कि राष्ट्रीय आंकड़ों की तुलना में उत्तर प्रदेश में लगभग 30 प्रतिशत अपराध हुए हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए, सूकिन ने कहा कि उन्होंने अपनी रिसर्च की है और उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ गया है।

उप्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की दलील को खारिज करते हुए पीठ ने सूकिन से कहा, "हमें बताएं कि आप इसे किस आधार पर कह रहे हैं?"

मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, प्रधान न्यायाधीश बोबड़े ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई रिसर्च नहीं है और वह ये स्थापित करने में विफल रहे हैं कि उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि ज्यादा बहस करेंगे तो भारी जुर्माना लगाएंगे।

पीआईएल में जनवरी 2020 में जारी एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में हर दो घंटे में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया जाता है, जबकि राज्य में हर 90 मिनट में एक बच्चे के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाता है।

--आईएएनएस

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Web Title-Supreme Court dismisses plea seeking imposition of President rule in UP
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