नई दिल्ली। आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा कि आधार कार्ड आम आदमी की पहचान है, इस पर हमला संविधान के खिलाफ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आधार ने समाज के वंचित तबकों को सशक्त किया है और उन्हें एक पहचान दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को रद्द किया। अब प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकतीं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने PAN कार्ड के लिए आधार की अनिवार्यता को बरकरार रखा है।
वहीं शीर्ष कोट ने CBSE, NEET और UGC के लिए आधार अनिवार्य, पर स्कूल एडमिशन में जरूरी नहीं बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड बैंक अकाउंट और मोबाइल सिम के लिए जरूरी नहीं है।
'सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड न मिले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बायॉमीट्रिक डेटा को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कोर्ट की इजाजत के बिना किसी और एजेंसी से शेयर नहीं करे।
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