नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने
गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी और
उनकी मां बीना मोदी के बीच पारिवारिक विवाद को निपटाने के लिए शीर्ष अदालत
के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों - न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति
कुरियन जोसेफ को मध्यस्थ नियुक्त किया।
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल
रोहतगी और हरीश साल्वे ने शीर्ष अदालत से मामले में मध्यस्थ नियुक्त करने
का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "कृपया उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की
नियुक्ति करें.. हम इसे अदालत पर छोड़ते हैं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधान न्यायाधीश एन.
वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मध्यस्थ के रूप में दो न्यायाधीशों के
नाम सुझाए। पक्षकारों के वकील मामले में मध्यस्थता करने के लिए न्यायाधीशों
के नाम पर सहमत हो गए।
पीठ में जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और हिमा
कोहली भी शामिल थे, जिसने यह भी सुझाव दिया कि पार्टियां (दोनों पक्ष)
हैदराबाद में हाल ही में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र में
सुविधाओं का उपयोग करें। मध्यस्थों को संभवत: तीन महीने की अवधि के भीतर
मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी करने के लिए कहा गया था।
इससे पहले
ललित मोदी की मां बीना मोदी की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिसमें विवाद
को लेकर ललित मोदी द्वारा सिंगापुर में शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही
पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट
ने दोनों ही पक्षों को मध्यस्थता का सुझाव दिया था और अपनी पसंद के
मध्यस्थों के नाम सुझाने को कहा था। दरअसल, ललित मोदी देश से बाहर सिंगापुर
में मध्यस्थता पर जोर दे रहे थे। इसके बाद ललित मोदी की मां बीना मोदी ने
केस दायर किया था। इस केस में विवाद को लेकर सिंगापुर में ललित मोदी द्वारा
शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही रोकने का अनुरोध किया गया था।
पार्टियों
का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील में से एक की ओर से न्यायाधीशों को
निर्धारित करने को लेकर सलाह देने के बाद ललित मोदी की ओर से पेश साल्वे ने
कहा, "आपके आधिपत्य (लॉर्डशिप) को हमसे पूछने की जरूरत नहीं है, बस दो नाम
लें।"
मुख्य न्यायाधीश ने तब कहा. "मैं न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ का सुझाव दे रहा हूं।"
पार्टियों के वकील नामों पर सहमत हुए। बीना मोदी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने किया।
मामले
में सुनवाई का समापन करते हुए, पीठ ने पक्षों से हैदराबाद मध्यस्थता
केंद्र की सुविधाओं का उपयोग करने के लिए कहा। इसमें कहा गया है, "हम
पार्टियों को गोपनीयता बनाए रखने और मध्यस्थों को मध्यस्थता शुरू करने से
पहले गैर-प्रकटीकरण (कोई भी जानकारी लीक नहीं करने) समझौते करने के लिए भी
निर्देशित करते हैं।"
शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश
के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ललित मोदी के परिवार के
सदस्यों द्वारा सिंगापुर में पारिवारिक संपत्ति के संबंध में उनके द्वारा
मध्यस्थता कार्यवाही शुरू करने को चुनौती दी गई थी।
--आईएएनएस
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