नई दिल्ली । केंद्र ने निर्णय लिया है
कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत
राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) ऐप के माध्यम से
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सभी कार्यों (व्यक्तिगत लाभार्थी योजना /
परियोजना को छोड़कर) के लिए उपस्थिति (हाजिरी) दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे।
1 जनवरी, 2023 से सभी कार्यस्थलों के लिए डिजिटल रूप से उपस्थिति दर्ज करना
लागू है। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, साध्वी निरंजन ज्योति
द्वारा मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी गई जानकारी के अनुसार,
मंत्रालय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अनुरोध किए जाने पर
एनएमएमएस ऐप में सुचारू परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्र
शासित प्रदेशों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिन तकनीकी मुद्दों
का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें वास्तविक समय के आधार पर एनआईसी, ग्रामीण
विकास के साथ उठाया जाता है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा
अनुरोधित नए प्रावधानों/सुझावों को शामिल किया जा रहा है। एनएमएमएस
एप्लिकेशन से संबंधित सभी मुद्दों की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और
उनका समाधान किया जाता है।
एनएमएमएस एप्लिकेशन को उपस्थिति और पहली
तस्वीर अपलोड करने के चार घंटे बाद दूसरी तस्वीर लेने के लिए संशोधित किया
गया है। इसने उपस्थिति और तस्वीरों को कैप्चर करने के लिए विशिष्ट समय
बिंदु की आवश्यकता को कम कर दिया है। पहली तस्वीर के साथ सुबह की उपस्थिति
को ऑफलाइन मोड में कैप्चर किया जा सकता है और डिवाइस के नेटवर्क में आने के
बाद इसे अपलोड किया जा सकता है।
असाधारण परिस्थितियों के कारण
उपस्थिति अपलोड नहीं की जा सकती है, जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) को
मैन्युअल उपस्थिति अपलोड करने के लिए अधिकृत किया गया है। जवाब में कहा गया
कि सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पात्र कार्यस्थलों की उपस्थिति दर्ज
करने के लिए एनएमएमएस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तक स्मार्टफोन की
अनुपलब्धता के कारण एनएमएमएस ऐप के उपयोग न करने से संबंधित कोई विशेष
मामला मंत्रालय के संज्ञान में नहीं आया है।
महात्मा गांधी
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की धारा 19 के अनुसार, राज्य
सरकार योजना के कार्यान्वयन के संबंध में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी
शिकायत से निपटने के लिए ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर नियमों द्वारा उचित
शिकायत निवारण तंत्र निर्धारित करेगी और ऐसी शिकायतों के निपटान के लिए
प्रक्रिया निर्धारित करेगी।
--आईएएनएस
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